"आरक्षण" इस शब्द को सुन कर सब के मन मे अलग अलग विचार आते होंगे। ज़ाहिर सी बात है क्योकि सबकी अपनी अलग अलग धारणा होती है हर चीज़ को ले कर। मेरी भी है। अगर सरल शब्दो मे कहु तो मुझे इस शब्द से कोई आपति नहीं है और नाही उन लोगो से जो इस के तहत फायेदा उठाते है परंतु मुझे आपति उन लोगो से जो गलत फायेदा उठाते है। हालकी हो सकता है की में भी उन लोगो मे शामिल हूँ। वैसे अगर आप इस तरफ एक नज़र डाल कर देखेंगे तो आपको अपने देश मे इतने मुद्दे नज़र आएगे जीतने यहाँ राज्य नहीं है
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012
सोमवार, 23 जनवरी 2012
अब तो विचारो पर भी रोक लगेगी भईया।
अजीब लगा क्या? अजीब तो लगेगा ही क्योकि अगर आपको कोई बोले के अब आप
अपने विचारो को, अपनी सोच को वक्तीगत रूप से प्रस्तुत नहीं कर सकते तो अजीब
लगना तो लाज़मी हैं। हमारे माननीय टेलिकॉम मिनिस्टर कपिल सिब्बल जी के बयान
से तो ऐसा ही लगता है।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)