गुरुवार, 26 मई 2011

देख तरक्की भारत की

लोग कह रहे देख तरक्की, अपना भारत कैसा अब
ऊची इमारत चौड़ी सड़के, पहले ये नहीं था सब
सरपट चलती रोड पे गाड़ी आसानी से पोह्चाती
इधर उधर तू देख ज़रा तू देख तरक्की भारत की

बुधवार, 25 मई 2011

दिल्ली: एक नज़र

कभी गर्मी पड़े ज्यादा, कभी पड़ती है ज्यादा ठण्ड
कभी गिरती है कुछ बुँदे, कभी पानी से सड़के बंद
मगर तू देख ले कैसी ये मौसम की है अंगड़ाई
नहीं मैं भी समझ पाया नाही तेरे समझ आई