गुरुवार, 18 अगस्त 2011

क्या सही मे गांधीगिरी?











क्या सही मे गांधीगिरी या महज़ भेड़चाल
या कहे की यही वक़्त भ्रष्ट का ये काल है
जाना नहीं लोकपाल इसमे है क्या बवाल
चल दिये पीछे-पीछे, सभी यहाँ बेहाल है

मंगलवार, 16 अगस्त 2011

चरणों मे गुरुवर के नमन मेरा बारम्बार








तुम्ही मेरी मंज़िल, तुम्ही हो सहारे
लगादों ये नैया जगत के किनारे
नहीं जान पाया ये कैसा अंधेरा
तुम्हारे बिना गुरुवर नहीं है बसेरा

सोमवार, 8 अगस्त 2011

--एक फोन कॉल--

"हैलो दीपक जी से बात हो सकती है" फोन के दूसरी तरफ से किसी लड़की की आवाज़ थी कुछ पंजाबी टाइप

मैं: हाँ बोल रहा हूँ कहिए क्या काम है

"आहाना बोल रही हूँ चंडीगढ़ से" लड़की बोली

मैं: हांजी बोलिए

आहाना: आज दिन मे अपने वोडाफ़ोन मे फोने किया था तो मेरे से ही बात हुयी थी।

मैं: ओह हांजी